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Showing posts from September, 2016

YouTube launches new features video sharing and massaging to users in app worldwide.

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YouTube today is launching a new sharing feature in its mobile app, previously in testing with users in select markets.  The feature allows YouTube users to send their friends videos and chat from within a new tab in the mobile app – effectively turning YouTube into a mobile messenger of sorts. The feature has been in testing since the middle of last year, and, at the beginning of 2017, rolled out to users in Canada as something of a “soft launch.” It later expanded to parts of Latin America, the company tells us. Following the feedback gained from these long-term initial tests, YouTube felt it was ready to debut the sharing feature to a global audience. That roll out begins today, but won’t reach all YouTube users worldwide for a few days. In other words, if you don’t see the sharing option yet – just wait, you will soon. Since its debut in tests, YouTube says it has made some slight changes to the user interface for sharing, including the way the chat interface

हमारी जान बचाने वाला स्प्रे Albedo100

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दोस्तों आज के जमाने में कई सारे परफ्यूम स्प्रे हम लगाते हैं वह इसलिए लगाते हैं ताकी हमारे आसपास के लोगों को हमसे कोई तकलीफ न हो। यह स्प्रे हम अपने लिए नहीं लेकिन हमारे आसपास के लोगों के लिए लगाते है। लेकिन दोस्तों कभी ऐसा सुना है कि कोई स्प्रे हम लगाए और वह हमारी जिंदगी बचा सके जी हां दोस्तों आपने सही पढ़ा एक स्प्रे हमारे जिंदगी बचा सकता है। दोस्तों देखा जाए तो जो भयानक एक्सीडेंट होते हैं उसमें कई लोगों की जान चली जाती है, और ज्यादातर एक्सीडेंट रात में ही होते हैं। इसके पीछे का कारन रात में गाड़ी चलाने वाले को सामने वाला व्यक्ति या सामने वाला कोई साधन ठीक से न दिखाई देता हो इसलिए जानलेवा एक्सीडेंट हो जाते हैं। तो दोस्तों क्यों न कुछ ऐसा किया जाए जो रात में गाड़ी चलाने वाला सामने वाले को ठीक से देख सके ताकि कम से कम एक्सीडेंट हो सके। स्वीडन की कंपनी ने इसी बात को ध्यान में रखते हुए एक ऐसा स्प्रे तैयार किया है जो हमारे पूरे शरीर पर हमारे मोटरसाइकिल पर हमारी साइकिल पर लगा दें तो रात को गाड़ी चलाने वाले इंसान को दूर से ही हम दिख जाए जिसे रिफ्लेक्टिव स्प्रे भी कहा जाता ह

दुनिया का सबसे पुराना नक्शा" पीरी रेईस नक्शा"

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1513 में तुर्क के एडमिरल और मानव चित्रकार पीरी रेईस ने तुर्की की सैन्य एजेंसी के पास से दुनिया का एक नक्शा खुफिया तरीके से संकलित किया था जो सबसे पुराना दुनिया का नक्शा माना जाता है जिसे " पीरी रेईस नक्शा" भी कहा जाता है। जो आज लगभग इस नक्शे का एक तिहाई भाग बच गया है इस नक्शे में यूरोप के पश्चिमी तट, उत्तरी अफ्रीका और ब्राजील के तटो को आसानी से और उचित सटीकता से देखा जा सकता है । यह नक्शे का बहुत ज्यादा इतिहासिक महत्व इसलिए है के 1510 के आसपास नई दुनिया खोजने के लिए यह नक्शे का इस्तेमाल किया गया होगा इस बात का पता नक्शे के अंदर दिखाए गए सटीक स्थानों से पता चलता है। कुछ भूगोलविदों का ऐसा भी मानना है की यह नक्शा कोलंबस का भी हो सकता है। कोलंबस जब वेस्टइंडीज में थे तब एक नक्शा बनाया था भूगोलविदों ने कोलंबस के यह नक्शे को खोजने के लिए कई साल लगा दिए फिर भी यह नक्शा नहीं मिला जिसे " खोया हुआ कोलंबस का नक्शा " भी माना जाता है। यह पुराने नक्शे को बहुत ही आकस्मिक तरीके से 9 अक्टूबर 1929, को भाषा विज्ञान संबंधी काम करते हुए तुर्की के पुस्तकाल

शरीर को स्वस्थ रखने वाला टैटू " बायोस्टेम्स "

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टैटू लगाना तो सबको पसंद है चाहे वो लड़के हो या लड़की हो बुड्ढे हो या जवान हो। कुछ लोग टेंपरेरी टैटू बनाते हैं और कुछ लोग परमानेंट टैटू भी बनाते हैं। वो भी सिर्फ अपने मनोरंजन हेतु बनाते हैं। अब सोचो यही टैटू हमारे शरीर में हो रहे बदलाव को समझ कर हमें हर बार बताता रहे और हमें स्वस्थ रहने की सलाह देता रहे तो कैसा रहेगा? क्या यह बात हम मन पाएंगे के एक भला टैटू हमें हमारे शरीर में हो रहे बदलाव को समझकर हमें कैसे बताता होगा? जी हां दोस्तों सिर्फ एक टैटू हमें हमारे शरीर की प्रक्रिया को समझकर हमें स्वस्थ रहने की सलाह दे सकता है। जॉन रोजर्स और उनकी टीम ने मिलकर एक ऐसी सर्किट का निर्माण किया है जो हमारी त्वचा की तरह काम करती है, बिना पावर के संचालित हो सकती है और इसे हम हमारे शरीर पर कहीं पर भी टैटू की तरह लगवा सकते हैं जिसको आज विज्ञान मे "  बायोस्टेम्स  " के नाम से जाना जाता हैं। बायोस्टेम्स एक ऐसा इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है जो हमारे त्वचा पर अस्थाई रुप से चिपक जाता है जिसे हम टेंपरेरी टैटू भी कह सकते हैं। बायोस्टेम्स मे एक पतली सी सर्किट और सेंसर रहते हैं जो हमार

रहस्यमई ईस्टर आइलैंड

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स्थानीय भाषा में रापा नुई के नाम से जाने वाले एक ही पत्थर से बनी विशाल मूर्तियां यह आइलैंड पर आपको जगह जगह देखने मिलेगी। यह आइलैंड अपनी 800 से ज्यादा बड़ी-बड़ी मूर्तियों से प्रचलित है। यह मूर्तियां प्राचीन लोग रापा नुई की प्रजाति ने बनाया था। इनमें से सबसे बड़ी मूर्ति 35 फीट ऊंची और लगभग 75 टन वजनी है। यह मूर्तियां 1200 साल पुरानी है। प्रशांत महासागर में सबसे दूर पोलिनेशिया आईलैंड पर यह विशाल मूर्तिया दुनिया के लिए एक पहेली बन कर रह गई है। यह मूर्तियां किसने बनाई क्यों बनाई और वज़न में 75 टन वजन की मूर्तियां कैसे बनाई इस पर पूरी दुनिया के विद्वानों का अलग अलग मत है लेकिन इसके पीछे की ठोस वजह और रहस्य आज तक पता नहीं चला। प्रशांत महासागर से 1500 मिल दूर समुद्री चट्टानों के बीच छिपे इस आइलैंड पर प्राचीन रापा के लोग रहते थे इस टापू पर 7 मीटर ऊंची विशालकाय मूर्ति बनाने के लिए प्राचीन सभ्यता के लोग असमर्थ होगे ऐसा माना जाता है। इस टापू की सबसे पहले जानकारी डच एडमिरल जेकब रोगवीन द्वारा 1722 मे मिली  जब जैकब रोगवीन अपने साथियों के साथ 3 जहाज में यह टापू पर आने लगे

रहस्यमई नाज्का लाइन्स

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दुनिया के सात अजूबे के बारे में सब को तो पता है लेकिन दुनिया में कई ऐसी चीजें हैं जो अभी तक किसी को शायद ही पता हो और उनमें से कई ऐसी रहस्यमई चीजें हैं जो इंसान की समझ से परे है। यह दुनिया अजीबो गरीब और रहस्यमई चीजों से भरी हुई है इन रहस्यमई चीजों के बारे में जानने की उत्सुकता हम सभी में होती है जिनका जवाब आज भी वैज्ञानिक लगातार ढूंढने में लगे हुए हैं । चलिए आज देखते हैं इस ब्लॉग में कुछ ऐसी ही रहस्यमई चीज के बारे में जो हम सबको सोचने पर मजबूर कर देती है। दोस्तो आप कभी हवाई जहाज से किसी इलाके पर उड़ रहे हो और नीचे धरती पर आपको सैकड़ों मीटर में फैले हुए बड़े बड़े विशाल चित्र दिखाए दें तो हैरान होना लाजमी है। पहली बार जब इन चित्रों को देखा गया तो पूरी दुनिया हैरान रह गई लोगों को समझ में नहीं आया कि इन विशाल चित्रों को आख़िर बनाया किसने और क्यों बनाया, कब बनाया और किस लिए बनाया गया।  यह विशाल चित्र को " नाज्का लाइन्स" से जाना जाता है। किसी अनजान सी सभ्यता के अस्तित्व की अनूठी विरासत हैं 'नाज्का रेखाएं' (नाज्का लाइन्स )। 80 किमी से भी अधिक क्षेत्रफल

बरमूडा ट्रायंगल ऑफ ईस्ट

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         बरमुडा ट्रायंगल के बारे में शायद ही कोई ऐसा हो जो ना जानता हो नॉर्थ अटलांटिक महासागर में मौजूद बरमूडा ट्रायंगल कई रहस्यो से घिरा हुआ है जो आज भी बेनकाब होना बाकी है। यहां जहाज और विमान रहस्यमय तरीकों से गायब हो जाते हैं जो बाद में कभी नहीं मिलते लेकिन पृथ्वी पर सिर्फ एक ऐसी जगह नहीं जहां ऐसा होता है आज मैं आपको ऐसी जगह के बारे में बताऊंगा जिसको   " बरमुंडा ट्रायंगल ऑफ ईस्ट " भी कहते हैं।         लोया मंदिर के पानी में हजारों की संख्या में जहाज डूब गए हैं ये घटना इस जगह बहुत पुराने समय से चली आ रही है हजारों की संख्या में मछली पकड़ने वाले जहाज मालवाहक जहाज और नौसैनिक युद्धपोत बिना किसी कारणवश पानी में रहस्यमई तरीके से गुम हो गए हैं। लोया मंदिर चीन की एक 24 किलोमीटर लंबी नहर के सामने बना है यह नहर पोयांग झील जो चीन की सबसे बड़ी मीठे पानी वाली झील है जियांगजो जो नदी के आखरी छोर को जोड़ता है।         लोया मंदिर के सामने यह नहर ऐतिहासिक समय से ही यातायात के लिए व्यस्त मार्ग रहा है इसकी चौड़ाई 3 किलोमीटर से लेकर 15 किलोमीटर के बीच में है इस नहर मे

लुप्त आविष्कार जो हमारी दुनिया बदल सकते थे - 3

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क्रोनोवाइजर फादर फ्रेंकोइस ब्रूनो एक एक्जोरसिस्ट थे उन्होंने एक ऐसा मशीन का निर्माण किया था जो भूतकाल की चीजें देख और सुन सकते थे  इस मशीन को क्रोनोवाइजर भी कहा जाता है फादर के मुताबिक जब एनर्जी और साउंड वस्तु से निकलती है तो वह वातावरण में रिकॉर्ड हो जाती है तो क्रोनो वाइजर की मदद से हम वातावरण में रिकॉर्ड हुए भूतकाल के साउंड और चल चित्र देख सकते हैं और सुन भी सकते हैं उन्होंने इस मशीन की वजह से भूतकाल में हुई कई अभूतपूर्व घटनाएं देखी थी अपने अंतिम क्षणों में फादर ने उन सब लोगों से मुलाकात भी की जो मशीन बनाने में रुचि रखते थे लेकिन कुछ कारणवश मीटिंग खत्म होने के बाद फादर और उन सब लोगों ने साथ मिलकर वह मशीन को नष्ट कर दी जो आज भी रहस्य बनी हुई है। क्लाउड बस्टरबस्टर यह एक ऐसी मशीन है जो बारिश पैदा कर सकती है इसका निर्माण एक ऑस्ट्रियन साइंटिस्ट विलियम रिक ने किया था उनका कहना यह था के वातावरण में मौजूद ऑर्गेनो एनर्जी की मदद से बारिश को कहीं भी और कभी भी बरसा सकते हैं और उन्होंने 1953 में यह प्रयोग करके दिखाया और बारिश गिराकर भी दिखाई  लेकिन कुछ लोगों का कहना